उस दिन चूहा घूमने निकला। बिल से बाहर आते ही उसने शेर को सोया हुआ पाया। शेर सोया है ऐसा देखकर चूहा डरते डरते शेर के पास पहुंचा। मगर शेर उसी तरह सोता रहा। यह देख कर चूहे की हिम्मत बड़ी । पहले तो उसने धीरे से शेर को छूकर देखा। शेर फिर भी सोता रहा। अब तो चूहे का डर खत्म हो गया। वह शेर के शरीर पर चढ़ा और नाचने लगा।
शेर की नींद खुल गई और उसने गुस्से से चूहे को पकड़ लिया। चूहा रोते-रोते बोला, कृपा करके मुझे छोड़ दो,मैं तुम्हारी मदद करूंगा।, चूहे की यह बात सुनकर शेर हंसकर बोला। तू छोटा सा चूहा मेरी क्या मदद करेगा।? फिर भी उसने चूहे को छोड़ दिया। चूहा खुश होकर घूमने निकल गया।
कुछ दिन बाद शेर फिर लापरवाही से सोता रहा। उसने में वहां एक शिकारी आया और उसमें शेर के ऊपर जाल डाल दिया । जब शेर की नींद खुल गई, तो उसने देखा कि वह एक जाल में फस गया है।,
वाह शेर जोर-जोर से दहाड़ ने लगा। शेर की आवाज सुनते ही चूहा बील से बाहर आया। चूहे ने देखा कि, वही शेर जाल में फस गया जिसने उसे छोड़ दिया था। आज उससे मदद की जरूरत है।
चूहे ने अपने दोस्त के साथ मिलकर जाल को कुतर दिया और शेर जाल से अलग किया। जाल से बाहर आने के बाद शेर ने खुश होकर चूहे को कहा , धन्यवाद, तुम छोटे जरूर हो मगर बड़े काम के हो। अपना वादा याद रखा।
सीख_। किसी के ऊपर को कभी भूलना नहीं चाहिए इस कहानी से यही सीखने को मिलता ह
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